A ALEGRIA INVADIU MINHA ALMA

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Big Meu Lindo.

domingo, 15 de março de 2015

HINDI MAAJI

एक गाँव में 10, साल का लड़का अपनी माँ के साथ
रहता था।
माँ ने सोचा कल मेरा बेटा मेले में जाएगा, उसके पास
10 रुपए तो हो, ये सोचकर माँ ने खेतो में काम कर के शाम तक पैसे ले
आई। बेटा स्कूल से आ कर बोला खाना खाकर जल्दी सो जाता हूँ, कल मेले में
जाना है।
सुबह माँ से बोला - मैं नहाने जाता हूँ, नाश्ता तैयार रखना,
माँ ने रोटी बनाई, दूध अभी चूल्हे पर था..
माँ ने देखा बरतन पकडने के लिए कुछ नहीं है, उसने गर्म पतीला हाथ से
उठा लिया, माँ का हाथ जल गया।
बेटे ने गर्दन झुकाकर दूध रोटी खाई और मेले में चला गया।
शाम को घर आया, तो माँ ने पूछा - मेले में क्या देखा,10 रुपए
का कुछ खाया कि नहीं..?
बेटा बोला - माँ आँखें बंद कर, तेरे लिए कुछ लाया हूँ।
माँ ने आँखें बंद की, तो बेटे ने उस के हाथ में गर्म बरतन
उठाने के लिए लाई सांडसी रख दी।
अब माँ तेरे हाथ नहीं जलेंगे।
माँ की आँखों से आँसू बहने लगे।
इस कहानी को पढ़ कर आप को प्रेमचंद की ईदगाह ज़रूर याद आई होगी।
दोस्तों,
माँ के चरणों मे स्वर्ग है, कभी उसे दुखी मत करो..!
सब कुछ मिल जाता है, पर माँ दुबारा नहीं मिलती।
मेरी माँ
मां से प्यार करते हो तो आगे शेयर जरुर करना..!!
धन्यवाद ॥


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