Today, I will share a motivational poem in Hindi. The poet is giving the message that you should never give up.
Below is the poem in Devanagari fonts (Hindi) with the literal translation in English. I hope that you will try to comprehend the poem with the given explanation. So, here it is.
कविता (Kavita – Poem) : आशा का दीपक (Aasha Ka Deepak – A lamp of Hope)
कवि (Kavi – Poet) : रामधारी सिंह “दिनकर” (Ramdhari Singh Dinkar)
कवि (Kavi – Poet) : रामधारी सिंह “दिनकर” (Ramdhari Singh Dinkar)
यह प्रदीप जो दीख रहा है झिलमिल दूर नहीं है
थक कर बैठ गये क्या भाई मन्जिल दूर नहीं है
थक कर बैठ गये क्या भाई मन्जिल दूर नहीं है
This lamp which could be seen, twinkling, is not far away,
are you settled getting tired brother, the destination is not far away.
are you settled getting tired brother, the destination is not far away.
चिन्गारी बन गयी लहू की बून्द गिरी जो पग से
चमक रहे पीछे मुड देखो चरण-चिनह जगमग से
शुरू हुई आराध्य भूमि यह क्लांत नहीं रे राही;
और नहीं तो पाँव लगे हैं क्यों पड़ने डगमग से
बाकी होश तभी तक, जब तक जलता तूर नहीं है
थक कर बैठ गये क्या भाई मन्जिल दूर नहीं है
चमक रहे पीछे मुड देखो चरण-चिनह जगमग से
शुरू हुई आराध्य भूमि यह क्लांत नहीं रे राही;
और नहीं तो पाँव लगे हैं क्यों पड़ने डगमग से
बाकी होश तभी तक, जब तक जलता तूर नहीं है
थक कर बैठ गये क्या भाई मन्जिल दूर नहीं है
The drop of blood fell and became a spark as you walked by,
turn around and see your footsteps are now sparkling,
the lifeless ground has became lively again, it is not the end traveler,
and if not, then why the legs are shaking,
consciousness is only till the life is not finished,
are you settled getting tired brother, the destination is not far away.
turn around and see your footsteps are now sparkling,
the lifeless ground has became lively again, it is not the end traveler,
and if not, then why the legs are shaking,
consciousness is only till the life is not finished,
are you settled getting tired brother, the destination is not far away.
अपनी हड्डी की मशाल से हृदय चीरते तम का,
सारी रात चले तुम दुख झेलते कुलिश निर्मम का।
एक खेप है शेष, किसी विध पार उसे कर जाओ;
वह देखो, उस पार चमकता है मन्दिर प्रियतम का।
आकर इतना पास फिरे, वह सच्चा शूर नहीं है;
थककर बैठ गये क्या भाई! मंज़िल दूर नहीं है।
सारी रात चले तुम दुख झेलते कुलिश निर्मम का।
एक खेप है शेष, किसी विध पार उसे कर जाओ;
वह देखो, उस पार चमकता है मन्दिर प्रियतम का।
आकर इतना पास फिरे, वह सच्चा शूर नहीं है;
थककर बैठ गये क्या भाई! मंज़िल दूर नहीं है।
by removing the darkness from the light torch of your bones,
you walked whole night by enduring the pain of the ruthless thunderbolt,
one aim is remaining, somehow get across it,
hey look, on the other side shines the temple of your beloved,
getting so near and then returning, is not the sign of brave,
are you settled getting tired brother, the destination is not far away.
you walked whole night by enduring the pain of the ruthless thunderbolt,
one aim is remaining, somehow get across it,
hey look, on the other side shines the temple of your beloved,
getting so near and then returning, is not the sign of brave,
are you settled getting tired brother, the destination is not far away.
दिशा दीप्त हो उठी प्राप्त कर पुण्य-प्रकाश तुम्हारा,
लिखा जा चुका अनल-अक्षरों में इतिहास तुम्हारा।
जिस मिट्टी ने लहू पिया, वह फूल खिलाएगी ही,
अम्बर पर घन बन छाएगा ही उच्छ्वास तुम्हारा।
और अधिक ले जाँच, देवता इतना क्रूर नहीं है।
थककर बैठ गये क्या भाई! मंज़िल दूर नहीं है।
लिखा जा चुका अनल-अक्षरों में इतिहास तुम्हारा।
जिस मिट्टी ने लहू पिया, वह फूल खिलाएगी ही,
अम्बर पर घन बन छाएगा ही उच्छ्वास तुम्हारा।
और अधिक ले जाँच, देवता इतना क्रूर नहीं है।
थककर बैठ गये क्या भाई! मंज़िल दूर नहीं है।
the sight is incandescent by getting your holy light,
Your history has been written in golden letters,
the soil which has drunk your blood will surely blossom the flowers,
your breath will become a cloud in the sky,
take some more tests, God is not that cruel,
are you settled getting tired brother, the destination is not far away.
Your history has been written in golden letters,
the soil which has drunk your blood will surely blossom the flowers,
your breath will become a cloud in the sky,
take some more tests, God is not that cruel,
are you settled getting tired brother, the destination is not far away.
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Poema Hindi - Aasha Ka Deepak
Hoje, vou compartilhar um poema motivacional em hindi. O poeta está dando a mensagem de que você nunca deve desistir.
Abaixo está o poema em fontes Devanagari (Hindi) com a tradução literal em Portugues. Espero que você vai tentar compreender o poema com a explicação dada. Então, aqui está.
कविता (Kavita - Poema): आशा का दीपक (Aasha Ka Deepak - Uma lâmpada de Hope)
कवि (Kavi - Poeta): रामधारी सिंह "दिनकर" (Ramdhari Singh Dinkar)
यह प्रदीप जो दीख रहा है झिलमिल दूर नहीं है
थक कर बैठ गये क्या भाई मन्जिल दूर नहीं है
Esta lâmpada que pode ser visto, piscar, não está muito longe,
você está liquidado ficando irmão cansado, o destino não está longe.
चिन्गारी बन गयी लहू की बून्द गिरी जो पग से
चमक रहे पीछे मुड देखो चरण-चिनह जगमग से
शुरू हुई आराध्य भूमि यह क्लांत नहीं रे राही;
और नहीं तो पाँव लगे हैं क्यों पड़ने डगमग से
बाकी होश तभी तक, जब तक जलता तूर नहीं है
थक कर बैठ गये क्या भाई मन्जिल दूर नहीं है
A gota de sangue caiu e tornou-se uma faísca que você passou,
virar e ver seus passos agora são espumantes,
o chão sem vida tornou-se animada novamente, não é o viajante final,
e se não, então por que as pernas estão tremendo,
a consciência é apenas até que a vida não está terminado,
você está liquidado ficando irmão cansado, o destino não está longe.
अपनी हड्डी की मशाल से हृदय चीरते तम का,
सारी रात चले तुम दुख झेलते कुलिश निर्मम का.
एक खेप है शेष, किसी विध पार उसे कर जाओ;
वह देखो, उस पार चमकता है मन्दिर प्रियतम का.
आकर इतना पास फिरे, वह सच्चा शूर नहीं है;
थककर बैठ गये क्या भाई! मंज़िल दूर नहीं है.
removendo a escuridão da tocha luz de seus ossos,
você andou a noite toda por suportando a dor do raio cruel,
Um dos objetivos é remanescente, de alguma forma obter através dele,
hey olhar, do outro lado brilha o templo de sua amada,
ficando tão próximo e, em seguida, voltar, não é o sinal de bravo,
você está liquidado ficando irmão cansado, o destino não está longe.
दिशा दीप्त हो उठी प्राप्त कर पुण्य-प्रकाश तुम्हारा,
लिखा जा चुका अनल-अक्षरों में इतिहास तुम्हारा.
जिस मिट्टी ने लहू पिया, वह फूल खिलाएगी ही,
अम्बर पर घन बन छाएगा ही उच्छ्वास तुम्हारा.
और अधिक ले जाँच, देवता इतना क्रूर नहीं है.
थककर बैठ गये क्या भाई! मंज़िल दूर नहीं है.
a visão é incandescentes por fazer o seu luz sagrada,
Sua história foi escrita em letras douradas,
o solo que bebeu seu sangue certamente irá florescer as flores,
sua respiração se tornará uma nuvem no céu,
levar mais alguns testes, Deus não é tão cruel,
você está liquidado ficando irmão cansado, o destino não está longe.
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